बालोद: डौंडीलोहारा की युवा संगठन “गोंडवाना युथ क्लब” द्वारा अपनी सांस्कृतिक पहचान और विलुप्त होती भाषा की संरक्षण के उद्देश्य से बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अपनी सांस्कृतिक मूल्यों को बचाए रखने के लिए वे गाँव गाँव जाकर चौपाल का आयोजन करते हैं और भावी पीढ़ी को नार्र व्यवस्था (ग्राम व्यवस्था) की जानकारी देते हैं तथा उन्हें सुदृढ़ करने के उपाए भी बताते हैं। यूथ क्लब के युवाओं द्वारा कैरियर गाइडेंस और स्वरोजगार की जानकारियां भी दी जाती है ताकि स्थानीय युवाओं की शहरों और दूसरे राज्यों की ओर पलायन को रोका जा सके।
विलुप्त होती गोंडी भाषा के संरक्षण के लिए उनके द्वारा डिजिटल प्लेटफार्म पर “गोंडी ग्रीटिंग्स” नाम का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत लोगों को गोंडी भाषा के प्रति जागरूक करने तथा उनमें रुचि पैदा के लिए ऑनलाइन क्लास तथा छोटे छोटे बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों को गोंडी लिपि की जानकारी दी जा रही है। गोंडी लिपि लिखने में परेशानी हो रही थी तो इन्होंने खुद का फॉन्ट तैयार कर लिया है जिसका नाम इन्होंने अपनी संगठन के नाम पर ही Gycdl-Regular रखा है। बता दें कि यह फॉन्ट संगठन के पास सुरक्षित है जिसका इस्तेमाल फ़ोटो वीडियो एडिटिंग के लिए किया जाता है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे लगभग हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ‘Gondi Greetings’ नाम का पेज बनाकर फ़ोटो तथा वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। यह इनकी प्राथमिक पहल है इसके बाद ये संस्था से जुड़े सभी सदस्यों को गोंडी भाषा सिखाकर इस भाषा के प्रशिक्षक के रूप में तैयार करना चाहते हैं ताकि इस विलुप्त हो रही भाषा को बचाया जा सके।
संस्था के अध्यक्ष तिरु. डोमार सिंह नेताम जी का कहना है कि युवाओं के नॉलेज का समाज कल्याण के लिए सही इस्तेमाल भविष्य के लिए एक बहुत अच्छा संकेत है, बुजुर्गों के मार्गदर्शन और युवाओं की ताकत से एक नए युग की नींव रखी जा सकती है।
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